Surprise Me!

जहाँ कोई आवे न जावे || आचार्य प्रशांत, गुरु कबीर पर (2016)

2019-12-01 2 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br />शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर<br />२६ दिसम्बर,२०१६<br />ऋषिकेश, उत्तराखंड<br /><br />प्रसंग:<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />-----------------------------------------------------------------------------------------------------<br /><br />दोहा:<br />स्वर्ग सात असमान पर, भटकत है मन मूढ।<br />खालिक तो खोया नहीं, इसी महल में ढूंढ़।।<br />~ गुरु कबीर<br /><br />नैहरवा हम का न भावे<br />साई कि नगरी परम अति सुन्दर,<br />जहाँ कोई जाए ना आवे<br />चाँद सुरज जहाँ, पवन न पानी,<br />कौ संदेस पहुँचावै<br />दरद यह साई को सुनावै<br />आगे चालौ पंथ नहीं सूझे,<br />पीछे दोष लगावै<br />केहि बिधि ससुरे जाऊँ मोरी सजनी,<br />बिरहा जोर जरावे<br />विषै रस नाच नचावे<br />बिन सतगुरु आपनों नहिं कोई,<br />जो यह राह बतावे<br />कहत कबीर सुनो भाई साधो,<br />सपने में प्रीतम आवे<br />तपन यह जिया की बुझावे<br />नैहरवा<br />~ गुरु कबीर

Buy Now on CodeCanyon